Thursday, April 28, 2011

कौन हो तुम !


आदि हो,अनादि हो
अन्त हो या अनंत हो!
क्षितिज हो, दिगंत हो,
धरा हो या शून्य हो!



दृष्टि हो या चेतना,
राग हो या वेदना,
अग्नि हो या वृष्टि हो,
प्रलय हो या सृष्टि हो!

निर्माण हो या हो विलय
वाह्य हो या हो निलय,
राग हो या विराग हो?
पुष्प हो या पराग हो?



उदय हो या अस्त हो?
अर्ध हो या समस्त हो?
मान हो अपमान हो,
प्राप्ति हो या उपदान हो?

शब्द हो या ब्रह्म हो,
जीव या ब्रह्मांड हो?
अगम हो या प्रज्ञ हो,
बस तुम्ही ही विज्ञ हो।


प्रश्न और समाधान भी कि,
कौन हो तुम।


5 comments:

  1. 'कौन हो तुम' से पहले 'कौन हूँ मै' के प्रश्न का भी तो हल चाहिये.
    शायद इसीलिए आप कह रहे हैं
    "शब्द हो या ब्रह्म हो,
    जीव या ब्रह्मांड हो?
    अगम हो या प्रज्ञ हो,
    बस तुम्ही ही विज्ञ हो।"

    क्या इसी में 'अहं ब्रह्मास्मि' का तथ्य छिपा है ?

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  2. गजब का प्रवाह,
    अजब सी विस्मृति।

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  3. नृसिंह अवतार याद आए.

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  4. उच्चकोटि का आधायात्मिक चिंतन...

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  5. कौन हो तुम ?
    खुद के सवाल का खुद जवाब देती रचना | सृष्टि के रचनाकार का बहुत खुबसुरत विवरण |
    सुन्दर रचना |

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